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कर्तव्य एवं दायित्व
योजना और समन्वय
राज्य उच्च शिक्षा की समग्र प्राथमिकताओं और संदेशों और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा जारी मार्ग दर्शक सिद्धान्तों को दृष्टि में रखते हुए राज्य में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में समेकित कार्यक्रमों को तैयार करना और उसके क्रियान्वयन में सहायता करना -
मानकों के अवधारणा और अनुरक्षण के सम्बन्ध मंे विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की सहायता करना और जहां आवश्यक हो, सुधारात्मक कार्यवाही का सुझाव देना।
राज्य में उच्च शिक्षा के विकास के लिए सन्दर्भ योजनाओं को तैयार करना।
यदि राज्य सरकार अपेक्षा करे तो अपनी समीक्षा और सिफारिशों के साथ विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के साथ विकासात्मक कार्यक्रमों को उसे प्रस्तुत करना।
उच्च शिक्षा की संस्थाओं के मध्य सहयोग को प्रोत्साहन देना और उद्योग और अन्य सम्बन्धित अधिष्ठानों के साथ अन्योन्य क्रिया के क्षेत्र का अन्वेषण करना।
राज्य सरकार और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा जारी मार्ग-दर्शक सिद्धान्तों के अनुसार नये महाविद्यालयों को प्रारम्भ करने के लिए और विद्यमान महाविद्यालयों में अतिरिक्त विषयों और विभागों को प्रारम्भ करने के लिए प्रतिमानों और सिद्धान्तों को सूत्रबद्ध करना।
राज्य मंे उच्च शिक्षा के लिए अतिरिक्त संसाधनों को बढ़ाने के लिए उपायों और साधनों का सुझाव देना।
विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में वैज्ञानिक शोध को प्रोत्साहित करने के लिए राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर शोध निधिकरण का समन्वय करना।
शैक्षिक कृत्य
विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के पाठ्यक्रम का पुनर्निर्माण और अद्यतन करके पाठ्यचयों के विकास में अभिनव परिवर्तन को प्रोत्साहित करना।
स्वायत्त महाविद्यालयों के कार्यक्रमों का समन्वय करना और उनके क्रियान्वयन का अनुश्रवण करना।
विश्वविद्यालयों और स्वायत्त महाविद्यालयों द्वारा संचालित परीक्षाओं के स्तरों को सुधारने की रीति और उपायों को निकालना और आवश्यक सुधारों का सुझाव देना।
विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में अध्यापकों के प्रशिक्षण को सुसाध्य बनाना और समन्वय के द्वारा महाविद्यालयों के शैक्षिक कर्मचारियों के कृत्यों का निरीक्षण करना और उत्कृष्ट पाठ्य-पुस्तकों, प्रबन्धों और सन्दर्भित पुस्तकों आदि के प्रकाशन को प्रोत्साहित करना।
विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में संकायों के बीच प्रभावी शैक्षिक सहयोग एवं अन्योन्य क्रिया के लिए कार्यक्रमों का विकास करना और राज्य के भीतर और बाहर अध्यापकों और छात्रों की गतिशीलता को सुसाध्य बनाना।
विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में प्रवेश विनियमित करने के विषय पर परामर्श देना।
विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में खेलकूद, क्रीडा, शारीरिक शिक्षा, संस्कृति क्रिया-कलापों द्वारा अन्य शिक्षणेत्तर क्रिया-कलापों को प्रोत्साहित करना।
प्रसार क्रिया-कलापों को प्रोत्साहित करना और विश्वविद्यालयों और क्षेत्रीय योजना और विकास से सुसंगत विशिष्ट क्षेत्रों में प्रभावी परामर्श के माध्यम से विश्वविद्यालयों और उद्योगों के मध्य अन्योन्य क्रिया को प्रोत्साहित करना।
राज्य में विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के कार्य करने पर एक पर्यवेक्षणात्मक रिपोर्ट तैयार करना और उसकी एक प्रति राज्य सरकार को और ऐसे अन्य प्राधिकारियों को, जिन्हें राज्य सरकार विनिर्दिष्ट करे, भेजना।
विश्वविद्यालयों में श्रेष्ठता के केन्द्रों की पहचान करना और अति उन्नत क्षेत्रों में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास के लिए राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय संयोजन की व्यवस्था करना।
विश्वविद्यालय के भीतर या बाहर ज्ञान के उन्नत क्षेत्रों मंे, जिसमें माॅलिकुलर बायोलाॅजी, जेनेटिक इंजीनियरिंग, एरोस्पेस बायो-टेक्नोलाॅजी भी सम्मिलित हो, श्रेष्ठ संस्थाओं को बढ़ावा देना।
वैज्ञानिक शोध के लिए राज्य केन्द्र की स्थापना करना और विश्वविद्यालयों के मध्य शोध क्रिया-कलापों का समन्वय करना।
विशिष्ट वैज्ञानिकों, शिक्षाविदों और शिल्प वैज्ञानिकों को उनके योगदान के लिए, प्रतिष्ठित पुरस्कारों को प्रारम्भ करना।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, अखिल भारतीय प्राविधिक शिक्षा परिषद और उच्च शिक्षा से सम्बन्धित अन्य केन्द्रीय अभिकरणों के साथ सम्पर्क कार्य करना।
सलाहकारी कृत्य
नए विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों की स्थापना से सम्बन्धित मानदण्डों के, यदि कोई हों, सम्बन्ध में राज्य सरकार को सुझाव देना।
विश्वविद्यालयों से सम्बन्धित विधियों, राज्यों में विश्वविद्यालयों के परिनियमों, अध्यादेशों और विनियमों का परीक्षण करना और शैक्षिक कामकाजों के लिए स्वायत्तता पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना प्रशासन में एकरूपता बनाये रखने के लिए उपान्तरों का जहां-कहीं अपेक्षित हो, सुझाव देना।
उद्योगों, संस्थाओं और राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय संगठनों को परामर्श जैसी सेवाओं से स्वतः उत्पन्न होने वाली निधि के माध्यम से सम्पोषित विकास के लिए नवीन कार्यक्रमों की पहचान और उन्हें चलाना।
राज्य सरकार या किसी विश्वविद्यालय, महाविद्यालय या उच्च शिक्षा की संस्था को उच्च शिक्षा और शोध से सम्बन्धित किसी अन्य विषय पर जो वे परिषद को निर्दिष्ट करे, परामर्श देना।
राज्य सरकार को नये महाविद्यालयों को प्रारम्भ करने और विद्यमान महाविद्यालयों में अतिरिक्त विषयों और विभागों को प्रारम्भ करने, के लिए परामर्श देना।
वित्तीय कृत्य
राज्य सरकार द्वारा विनिर्दिष्ट प्रयोजनों के लिए विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों को सहायता अनुदान निर्मुक्त करना और उनका अनुश्रवण करना।
छात्र कल्याण निधि, राष्ट्रीय छात्रवृत्तियाँ, अन्य छात्रवृत्तियों, यात्रा अनुदान, प्रकाशन अनुदान और ऐसे अन्य अनुदान जैसे राज्य सरकार द्वारा विनिर्दिष्ट किये जायें, का प्रबन्ध और विनियमन करना और उसे वित्तीय सहायता स्वीकृत करना।
राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय निधीयन लाभकरणों से परिषद द्वारा प्राप्त शोध निधियों को यदि कोई हो, निर्मुक्त करना और उनका अनुश्रवण करना।
संस्थाओं को आत्म-निर्भर और व्यवहार्य बनाने की दिशा में राज्य सरकार को सलाह देना।
अन्य कृत्य
उत्तर प्रदेश के स्वतन्त्रता सेनानियों और उनसे सम्बन्धित विषयों के इतिहास को प्रकाशित करना।
उच्च शिक्षा और शोध में उत्कर्ष की अभिवृद्धि के लिए आवश्यक ऐसे अन्य कृत्यों का पालन करना जो उसे राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर सौंपे जायें।