उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा योजना

सम्पूर्ण रणनीति एवं पांच वर्षीय परिप्रेक्ष्य योजना

उच्च शिक्षा विभाग, यूजीसी, एनएएसी और राज्य नियमों द्वारा निर्धारित मानकों और मापदंडों के आधार पर शैक्षणिक ढांचे को तैयार और विकास करने का प्रयत्न कर रहा है। राज्य योजना को इस उद्देश्य से बनाया गया है, जिससे की शैक्षिक उत्कृष्टता को बढ़ावा दिया जा सके, ताकि इक्विटी, गुणवत्ता और सभी सेक्शन की जरूरतों और योग्य छात्रों को लाभ प्राप्त हो सके।

रणनीतियों का अवलोकन

रूसा के अंतर्गत उत्तर प्रदेश के राज्य योजना का संपूर्ण ध्यान संस्थागत मजबूती और क्षमता वृद्धि के लिए विस्तार, इक्विटी और उत्कृष्टता को बढ़ावा देने पर केंद्रित है। इससे राज्य को राष्ट्रीय नीति के तहत विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों के विकास करने में काफी मदद मिलेगी।

विश्वविद्यालयों द्वारा प्राप्त हुए संस्थागत विकास योजना के आधार पर

(i) संस्थाओं द्वारा सुधारों का कार्य़न्वयन,

(ii) विभिन्न उप-घटकों, संसाधनों और सेवाओं की खरीद के तहत परियोजना गतिविधियों की उपलब्धियाँ,

(iii) वित्तीय आवंटन का उपयोग

(iv) फैकल्टी और स्टाफ विकास और प्रबंधन विकास गतिविधियों की उपलब्धियों पर निगरानी रखी जाएगी।

संस्थागत स्तर पर आवेदनकर्ता जैसे, विश्वविद्यालय स्तर पर शासनिक (प्रशासनिक) सुधार, शैक्षणिक सुधार, अंतःविषय सीखने की सुविधा परीक्षा सुधार, सम्बद्धता सुधार, विभिन्न परियोजना प्रबंधन टीम, अनुसंधान और नवाचार पर प्रतिबद्धता, आवश्यक फैकल्टी भर्ती और विकास, प्रबंधन सूचना प्रणाली की स्थापना और नियामक अनुपालन हेतु राज्य सरकार कटिबद्ध है।

उपरोक्त लक्ष्यों तक पहुंचने के लिए, विशिष्ट हस्तक्षेपों के विवरण के साथ रणनीतियों को नीचे बताया गया है

क्रम संख्यारणनीतिइंटरवेंशन
1. उच्च शिक्षा की पहुंच को बढ़ावा देना
  • 41 लो जीईआर जिलों में 36 (26+10) मॉडल डिग्री कॉलेजों की स्थापना
  • 5 डिग्री कॉलेजों को मॉडल डिग्री कॉलेज में उन्नयन करने हेतु प्रस्ताव
  • राज्य के 822 ब्लॉकों में से 14 अनियोजित ब्लॉकों में 14 नए मॉडल डिग्री कॉलेजों की स्थापना के लिए तदर्थ अनुदान के लिए अनुरोध ताकि स्थानिक मानदंडों के मामले में राज्य को संतृप्त किया जा सके।
  • 8 प्रोफेशनल कॉलेजों और पॉलीटेक्निक की स्थापना।
  • नई कक्षाओं का निर्माण, राजकीय डिग्री कॉलेजों में पहुंच और अवधारण में सुधार हेतु प्रयोगशालाएं।
2. इक्विटी सामाजिक रूप से वंचित समूहों और महिलाओं हेतु शिक्षा प्रदान करना:
  • जो विभिन्न समूहों के बीच उच्च शिक्षा की पहुंच को प्रभावित करते हैं, ऐसे स्थानिक और क्षेत्रीय असमानता को हटाने हेतु राज्य के 822 ब्लॉक में से 14 ब्लॉक में 14 नए मॉडल डिग्री कॉलेज प्रस्तावित हैं, जो किसी भी डिग्री कॉलेज (सरकारी या प्राइवेट) द्वारा असेवित हैं।
  • राज्य के पूर्वी हिस्से में दो नए विश्वविद्यालयों को राज्य के क्षेत्रीय मानदंडों पर कार्य करना।
  • राज्य विश्वविद्यालयों और राजकीय डिग्री कॉलेजों में सप्लीमेंटरी प्रशिक्षण प्रकोष्ठ का सृजन।
  • राज्य विश्वविद्यालयों और राजकीय डिग्री कॉलेज में अंग्रेजी भाषा प्रयोगशाला के सृजन हेतु उनका स्व-निष्ठा और विश्वास बढ़ाकर उन्हें सशक्त बनाना।
3. उच्च शिक्षा में उत्कृष्टता
  • पुस्तकालय, प्रयोगशालाओं और उपकरणों हेतु महाविद्यालयों को इंफ्रास्ट्रक्चर अनुदान। नए कोर्स और विभाग।
  • रिसर्च सपोर्ट
  • लाईब्रेरी अनुसंधान और ई-लाईब्रेरी संसाधन सब्सक्रिप्शन में सुधार।
  • शिक्षक प्रशिक्षण
  • शैक्षिक व्यवस्थापक प्रशिक्षण
  • बोर्ड ऑफ स्टडी द्वारा हर तीन साल की समीक्षा की जानी चाहिए और वेबसाइट पर प्रदर्शित होने वाले प्रचलित पेशेवर, व्यावसायिक और औद्योगिक आवश्यकताओं के अनुसार श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ मानकों के बराबर सामान्य न्यूनतम पाठ्यक्रम वाले पाठयक्रम में सुधार लाया जाना चाहिए।
  • रोजगार के विकास हेतु उच्च शिक्षा का व्यवसायीकरण।
  • सभी उच्च शिक्षा संस्थाओं हेतु एनएएसी प्रत्यायन। सभी महाविद्यलयों और विश्वविद्यालयों द्वारा आने वाले शैक्षिक वर्ष में एक बेसलाईन सर्वेक्षण कराया जाएगा, जो कि ट्रायल एनएएसी को संचालित कर संभव होगा, अनुपालन की जांच करने और वेबसाइटों पर सार्वजनिक डोमेन में सालाना स्कोर रखने के लिए सहकर्मी / विश्वविद्यालय टीमों द्वारा अनुपालन किया जायेगा।
  • राज्य के सभी महाविद्यालयों में असफलता दर को कम करना प्रस्तावित है, जो की एक संयोजित ढंग से किया जाना चाहिए। इसके लिए राज्य में छात्रों हेतु ऑनलाइन उपलब्धी परीक्षा शुरु करी जाएगी।
फैकल्टी सहायता:
  • यूपीएससी  द्वार सहायक प्रोफेसर की भर्ती करायी जाएगी।
  • सहायक प्रोफेसर की प्रस्तावित संख्या।
  • प्रोफेशनल निकायों और संघों और प्रोफेशनल कोलेबोरेशन नेटवर्क पर शिक्षकों को सदस्यता हेतु बढ़ावा देना।
  • शैक्षणिक प्रदर्शन इंडीकेटर (एपीआई) को करियर एडवांसमेंट स्किल (सीएएस) हेतु अंतिम रूप दिया जाना।
  • क्लासरूम में बच्चों के सीखने के स्तर को बेहतर बनाने और मूल्यांकन हेतु शिक्षकों को आईसीटी टूल्स मुहैया कराना।
  • निरंतर और व्यापक मूल्यांकन (सीसीई) के आधार पर नवीन आकलन और मूल्यांकन तकनीक के साथ सभी शिक्षकों को प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
  • शिक्षा शास्त्र को सुदृढ़ बनाने हेतु प्रशिक्षण मॉड्यूल की समीक्षा और विकास।
  • कोलेबरेटिव लर्निंग पोर्टल/प्लेटफॉर्म पर शिक्षण और लर्निंग एसेस्मेंट का अध्ययन करना।
  • शिक्षण के तरीकों पर नवोन्मेष करना। रोजगार उन्मुखीकरण के लिए पाठ्यक्रम का पुनर्गठन।
 
भाषा कौशल और शीतल कौशल के लिए विशेष प्रशिक्षण:
  • सॉफ्ट स्किल, कम्यूनिकेशन और अंग्रेजी भाषा कौशल के ओरियन्टेशन हेतु राज्य और राजकीय डिग्री कॉलेजों में सप्लीमेंटरी प्रशिक्षण प्रकोष्ठ प्रस्तावित है।
  • प्लेसमेंट प्रकोष्ठ को मजबूती प्रदान करना और एनजीओ और उद्योग के सपोर्ट से उच्च शिक्षा का वोकेशनलाइज़ेशन।
  • चयनित सेक्टरों में बड़े स्तर पर रोजगार हेतु गार्डनर की मल्टीपल इंटेलीजेंस के आधार पर एप्टीट्यूड टेस्टिंग।
अनुसंधान एवं नवीनता को मजबूती:
  • राज्य विश्वविद्यालयों में 14 अनुसंधान इनोवेशन सेंटर की स्थापना का प्रस्ताव
  • गुणवत्ता अनुसंधान हेतु इंफ्रास्ट्रक्चर और उपकरण प्रदान करना।
4. उच्च शिक्षा में क्षमता वृद्धि
  • एकेडमिक स्टाफ महाविद्यालयों को सुदृढ़ बनाना – लखनऊ और गोरखपुर में रुपए 5 करोड़ प्रति एएससी
  • अपने ओरिएन्टेशन और एएससी में प्रशिक्षण द्वारा इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस स्टडीज इन एजुकेशन (आईएएसई) को सुदृढ़ बनाना।
  • सभी स्तर पर शैक्षिक प्रशासकों को प्रशिक्षण।
  • विश्वविद्यालयों में आईएक्यूसी प्रकोष्ठों की स्थापना।
  प्रबंधन, अनुश्रवण, मूल्यांकन और अनुसंधान हेतु क्षमता को सुदृढ़ करना
  • डिविजनल स्तर पर प्रशासनिक पर्यवेक्षण को मजबूत बनाना। 18 प्रभाग, 16 भाग लेने वाले राज्य विश्वविद्यालय, डिवीजनल स्तर पर कम से कम 18 कार्यालय [8 क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी और सरकारी डिग्री / पीजी के 10 प्रिंसिपल मुख्यालय या आसपास के स्थानों पर कॉलेज], को पदेन परियोजना हेतु पदेन सलाहकारों के रूप में समर्थन दिया जाना चाहिए।
  • डाटा कलेक्शन का कार्य – एआईएसएचई
  • पर्यवेक्षण सहायता
  • विश्वविद्यालय सहायता
5. उच्च शिक्षा में संस्थागत सुधार
  • शासनिक सुधार
  • एनएएसी द्वारा कॉलेज की जवाबदेही
  • शिक्षक की जवाबदेही और एपीआई द्वारा सीएएस
  • छात्रों हेतु आईसीटी – केंद्रित सेवाएं – ऑनलाइन पंजीकरण, शुल्क का ऑनलाइन भुगतान, परीक्षा प्रपत्रों को ऑनलाइन जमा करना, ऑनलाइन छात्रवृत्ति
  • जीआईएस और वेब सक्षम सिस्टम के साथ महाविद्यालयों का विश्वविद्यालों से संबद्धता हेतु आईसीटी।
  • शैक्षणिक विवरण, निविदा, ऑडिटेड एकाउंट, वैधानिक निकायों की नियमित बैठक, पुरुस्कार एवं उपलब्धियां, सेमिनार और कॉंफ्रेंस की वेबकास्टिंग मुहैया कराने हेतु विश्वविद्यालय वेबसाइट अपडेशन
  • उच्च शिक्षा में गुणवत्ता बनाए रखने हेतु निजी भागीदारी हेतु विधायी ढांचा।
  • एआईएसएचई द्वारा बेहतर एमआईएस और रिपोर्टिंग के माध्यम से शैक्षणिक नियोजन सुनिश्चित करने हेतु निजी भागीदारी का विस्तार।
  • शैक्षणिक सुधार
  • न्यूनतम मानक सर्कुलर फ्रेमवर्क द्वारा पाठ्यक्रम में सुधार।
  • निरंतर मूल्यांकन, सेमेस्टर प्रणाली के आधार पर परीक्षा और मूल्यांकन प्रणाली में सुधार लाना।
  • ई-लर्निंग, कंटेंट, वीडियो, पीपीटी आदि हेतु वेब पोर्टल।

विभिन्न घटकों में समेकित परिव्यय नीचे दी गई तालिका में दिया हुआ है

समेकित तालिका उत्तर प्रदेश रूसा प्लान

क्रम संख्याघटकनामप्रस्तावित जरूरतें (रुपए लाख में)
2014-152015-162016-17Total
1. I-एक्सपेंशन मौजूदा स्वायत्त महाविद्यालयों के उन्नयन के जरिए विश्वविद्यालयों का निर्माण 00 00 00 00
2.   महाविद्यालयों को क्लस्टर में बदलकर विश्वविद्यालय में परिवर्तित करना (2 नए राज्य विश्वविद्यालयों की स्थापना) 5500 2750 2750 11000
3.   न्यू मॉडल कॉलेज (जनरल) 21600 21600 00 43200
4.   राज्य के 14 असेवित ब्लॉकों में मॉडल डिग्री कॉलेज 8400 4200 4200 16800
5.   नए कॉलेज (प्रोफेशनल) 31083.68 15541.84 15541.84 62167.36
6.   पॉलीटेक्निक को सहायता 7372 5529 5529 18430
7 II-इक्विटी इक्विटी इनिशिएटिव 300 100 100 500
8. III-एक्सीलेंस कॉलेजों (138 राजकीय डिग्री कॉलेज एवं 4 प्राविधिक कॉलेज) को इंफ्रस्ट्रक्चर अनुदान 14200 7100 7100 28400
9.   विश्वविद्यालयों को इंफ्रास्ट्रक्चर अनुदान 16000 8000 8000 32000
10.   मौजूदा डिग्री कॉलेजों को मॉडल डिग्री कॉलेजों में अपग्रेडेशन 1000 1000 00 2000
11.   अनुसंधान, नवोन्मेष  और गुणवत्ता सुधार 6000 3000 3000 12000
12.   फैकल्टी भर्ती सहायता 00.00 3132.00 4350.00 7482.00
13.   उच्च शिक्षा का वोकेश्नलाइजेशन 500 500 500 1500
14.   संकाय सुधार 400 300 300 1000
15. IV- क्षमता निर्माण शैक्षणिक एडमिनिस्ट्रेटर का लीडरशिप विकास 500.00 250.00 250.00 1000.00
16.   प्रबंधन सूचना प्रणाली 100 50 50 200
17.   क्षमता वर्धन और तैयारी, डाटा कलेक्शन और प्लानिंग और निगरानी 400 300 300 1000
18. V-संस्थागत सुधार संस्थागत रीस्ट्रक्चरिंग एवं सुधार 400 300 300 1000
  योग 113755.68 73652.84 52270.84 239679.36
प्रस्तावित आउटले का 1% एमएमईआर   1137.56 736.53 522.71 2396.80
वित्तीय वर्ष 2013-14 में मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा प्राप्त निधि प्रारंभिक 324.95        
मॉडल डिग्री कॉलेज 10140.00 10569.59      
एमएमईआर 104.64
योग 10569.59
कुल आवश्यक्ता 104323.65 74389.37 52793.55 231506.57